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Tuesday, 27 June 2017

Mere Krishna!

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरों न कोई|

जाके सिर मोर मुकट मेरो पति सोई||

तात मात भ्रात बंधु आपनो न कोई|

छाड़ि दई कुलकि कानि कहा करिहै कोई||

जिन नैनों में कृष्ण बसे, उन्हें और क्या प्यास|

अब बाकी कुछ रहा नहीं, बस दर्शन की है आस||

अब तो आ जाओ मनमोहन||

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